विभूतिखंड स्थित HDFC बैंक की अधिकारी की मंगलवार को कार्यालय में तबियत बिगड़ गई। साथी कर्मचारी उन्हें लोहिया अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कार्डियक अरेस्ट से मौत होने की आशंका जताई जा रही है। परिवार वालों ने भी कोई आरोप नहीं लगाया है।
वजीरगंज जीवन बेग लेन निवासी सदफ फातिमा (45) HDFC बैंक में एडिशनल डेप्युटी वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत थीं। मंगलवार सुबह वह रोज की तरह विभूतिखंड शाखा स्थित कार्यालय आई थी। दोपहर में वह अपने केबिन में थी। इस बीच सदफ फातिमा की तबियत अचानक बिगड़ गई। कुछ ही देर में वह अचेत हो गई। साथी कर्मचारी उन्हें आनन-फानन में लोहिया अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह अविवाहित थी। इधर, सदफ फातिमा की मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया।
सदफ की मौत उनकी बिमारी की वजह से हुई
सदफ के बहनोई मजहर अंसारी ने बताया कि सदफ की मौत उनकी बिमारी की वजह से हुई है। हम किसी पर कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं और ना ही थाने में तहरीर देना चाहते हैं। उन्हें कई दिनों से लो ब्लड प्रेशर की शिकायत थी। रविवार को उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था जहां डॉक्टर ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी।
कुछ समय से भारी दबाव में काम कर रही थीं फातिमा
सदफ फातिमा के साथ काम करने वाले कर्मचारियों के मुताबिक, फातिमा पिछले कुछ समय से भारी दबाव में काम कर रही थीं। यह घटना तब सामने आई है जब पूरे देश में वर्कप्लेस में तनाव और उससे होने वाले नुकसान को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कुछ समय पहले Ernst & Young (EY) के एक कर्मचारी की आत्महत्या के मामले में भी यही मुद्दा उठा था। ईवाई के इस स्टाफ ने कथित तौर पर ‘ओवरवर्क’ के कारण आत्महत्या कर ली थी।
परिवार वालों ने नहीं लगाया है कोई आरोप
इंस्पेक्टर विभूतिखंड सुनील सिंह के मुताबिक अंदेशा जताया जा रहा है कि कार्डियक अरेस्ट से सदफ फातिमा की मौत हुई है। परिवार वालों ने कोई आरोप नहीं लगाया है। परिवार वाले पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे। उन्हें समझा-बुझाकर शव पोस्टर्माटम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अखिलेश यादव ने जताई चिंता
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। अखिलेश ने कहा कि यह घटना देश में मौजूदा आर्थिक तनाव का संकेत है। अखिलेश ने कंपनियों और सरकारी विभागों से अपने कार्य करने के तरीके और प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस तरह की आकस्मिक मौतें हमारे कार्यस्थलों की स्थितियों पर सवाल उठाती हैं और यह देश की मानव संसाधनों की अपूरणीय क्षति है।
मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल का महत्व
अखिलेश यादव ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि किसी भी देश की प्रगति का असली मापदंड सेवाओं या उत्पादों की वृद्धि नहीं, बल्कि लोगों की मानसिक स्वतंत्रता, स्वास्थ्य और खुशी है। उन्होंने कहा कि कंपनियों को कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और संतुलित जीवन पर ध्यान देना चाहिए, जिससे इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।