World Hepatitis Day: हेपेटाइटिस से हर साल तेजी से बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा -डॉ. पवन कुमार

लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में मनाया गया विश्व हेपेटाइटिस दिवस

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लखनऊ, संवाददाता।

बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण ने बताया कि हेपेटाइटिस एक महामारी बनती जा रही है, जिससे हर साल मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। हेपेटाइटिस के सभी प्रकारों को गंभीरता से लेना चाहिए। जागरूकता पैदा करके और जन्म के बाद शिशु को वैक्सीन देकर हेपेटाइटिस के खतरे से बचाया जा सकता है।

हेपेटाइटिस वायरस पांच प्रकार A, B, C, D, E के होते हैं। पांचों प्रकार के वायरस खतरनाक है। WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक हेपेटाइटिस A से हर साल करीब 1.4 मिलियन लोग पीड़ित हो रहे हैं। वह सोमवार को विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर अस्पताल की OPD में गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी बीमारी, लिवर शरीर का एक जरूरी अंग

बलरामपुर के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. विष्णु कुमार ने बताया कि हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी बीमारी है। लिवर हमारे शरीर का एक जरूरी अंग है, जो खून से टॉक्सिन्स को साफ करने के साथ ही भोजन पचाने की प्रक्रिया में मदद करता है। हेपेटाइटिस होने पर संक्रमण से लिवर में सूजन आ जाती है। इसके कारण लिवर पर असर पड़ता है। एक्यूट हेपेटाइटिस में अचानक लिवर में सूजन आ जाती है, जिसके लक्षण छह माह तक रहते हैं। इलाज होने पर बीमारी धीरे-धीरे ठीक होने लगती है।

दूषित खाने और दूषित पानी के सेवन से हो सकता है हेपेटाइटिस A

हेपेटाइटिस A दूषित खाने और दूषित पानी के सेवन से हो सकता है। वहीं, संक्रमित खून के ट्रांसफ्यूजन और सीमेन व दूसरे फ्लूइड के एक्सपोजर के कारण हेपेटाइटिस B हो सकता है। खून और संक्रमित इंजेक्शन के इस्तेमाल से हेपेटाइटिस C की शिकायत हो सकती है।

गोष्ठी में निदेशक डॉ. पवन कुमार अरूण, CMS डॉ. NB सिंह, MS डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी, डॉ. उस्मानी समेत सभी कर्मचारी मौजूद रहे।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बारूक ब्लूमबर्ग के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। डॉ. बारूक ने हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज के लिए एक परीक्षण करके उसका टीका विकसित किया था।

हेपेटाइटिस के लक्षण

हमेशा थकान महसूस होना
त्वचा की रंगत पीली होना
आंखों के सफेद हिस्से का रंग पीला पड़ जाना
भूख न लगना या कम लगना
उल्टी आना या जी मिचलाना
पेट दर्द और सूजन होना
सिर दर्द व चक्कर आना
यूरिन का रंग बदलना
अचानक वजन कम होना
पीलिया होना या कई सप्ताह तक बुखार बना रहना आदि।

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