World No-Tobacco Day: धूम्रपान से 60 प्रतिशत बांझपन का खतरा

महिला प्रजनन क्षमता में 30 प्रतिशत की हो सकती है कमी

0 203

लखनऊ, रिपोर्टर।
तम्बाकू का उपयोग वैश्विक स्तर पर कैंसर का प्रमुख कारण हैं। जो कैंसर से संबंधित सभी मौतों का लगभग 22 प्रतिशत है। धूम्रपान से बांझपन का खतरा 60 प्रतिशत और महिला प्रजनन क्षमता में 30 प्रतिशत कमी हो सकती है। धूम्रपान से महिलाओं के शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्त नहीं पहुंचती है। इससे शिशु को सांस संबंधी परेशानी हो सकती है। नवजात का कम वजन, सुनने, आंख और दिमाग से जुड़ी दिक्कतें और दिल की बीमारी हो सकती है। यह बातें गुरुवार को केजीएमयू में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में पल्मोनरी एण्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. वेद प्रकाश ने कहीं।
तीन माह के भीतर हो सकता है गर्भपात…
डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि धूमपान से न सिर्फ आम आदमी बल्कि गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे को गंभीर समस्याएं हो सकती है। तीन माह के भीतर गर्भपात हो सकता है। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में प्रसव संबंधी जटिलताओं की आशंका 25 से 30 प्रतिशत बढ़ जाती है। धुएं में मौजूद हानिकारक रसायन भ्रूण के विकास को रोकने और उसे नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं।
पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि धूम्रपान से फेफड़ों समेत शरीर के दूसरे अंगों में कैंसर हो सकता है। सिगरेट, बीड़ी का धुआं सीधे फेफड़ों का प्रभावित करता है। इससे मुंह, गले, स्तन, सांस और खाने की नली समेत दूसरे अंगों के कैंसर हो सकते हैं। तम्बाकू से त्वचा का समय से पहले बूढ़ा होना, झुर्रियां, दांतों का पीला होना और बालों का झडऩा शामिल है। इस मौके पर डॉ. यूएस पाल, डॉ. विजय कुमार ने तम्बाकू के दुष्प्रभाव बताएं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.