लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में भ्रष्टाचार पर मुहर,पीड़ित मरीज के बगैर आरोपी डॉक्टर को क्लीन चिट,दंपत्ति बोले-कब मिलेगा इंसाफ?

इम्प्लांट के नाम पर पीड़ित मरीज से 55 हजार लेने का मामला

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लखनऊ। राजधानी लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल के अफसरों ने इम्प्लांट के नाम पर पीड़ित मरीज से 55 हजार रुपये लेने के आरोपी डॉक्टर एपी सिंह को क्लीन चिट दे दिया। वहीं इसकी जानकारी पीड़ित दम्पत्ति को नहीं दी गई। इधर, अब भी इंसाफ और रूपयों की वापसी के लिए पीड़ित दम्पत्ति अस्पताल में ही स्थित न्यू बिल्डिंग के सामने रैन बसेरे के बाहर आस लगाकर बैठा हुआ है। दम्पत्ति के विरोध के बावजूद इसी मामले में आरोपी डॉक्टर को तीन बार क्लीन चिट देने वाली कमेटी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। जबकि पीड़ित ने निष्पक्ष जांच लिए अस्पताल से बाहर की जांच कमेटी गठित करने मांग की थी।
पीड़ित दंपति के लखनऊ में हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा स्थल पर धरना देने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था। आनन फानन में जांच कराने के लिए कमेटी बनाई गई। जिसने अपनी रिपोर्ट में डॉक्टर को क्लीन चिट दे दिया है। पीडि़त दम्पत्ति का कहना है कि हमें जांच के लिए रोका गया है जबकि जांच कमेटी ने डॉक्टर को क्लीन चिट दे दी है।
देवरिया निवासी ओमप्रकाश यादव (45) के पैर का ऑपरेशन होना था। पीडि़त ने जमीन बेचकर कर रुपयों का इंतजाम किया। बाद में पता चला कि जो इम्प्लांट पैर में लगाया गया है उसकी बाजार में कीमत मात्र 10 से 12 हजार तक की है। इम्प्लांट की रसीद देने में डॉक्टर आनाकानी करने लगे। इसके बाद पीड़ित दंपति अपनी रकम वापसी के लिए लगातार उच्चाधिकारियों के पास जाकर गुहार लगा रहे हैं। दिव्यांग पत्नी विद्यावती के साथ ओमप्रकाश यादव गांधी प्रतिमा स्थल पर धरना देने पहुंचे तो अस्पताल के अफसरों में खलबली मच गई। अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की।
दिव्यांग पत्नी विद्यावती ने बताया कि दिसंबर 2022 में उसने बलरामपुर अस्पताल के डॉ. एपी सिंह को दिखाया था। डॉक्टर ने पैर में इम्प्लांट डालने की बात कही। जिसमें खर्चा 50 हजार रुपये के करीब बताया। जिसके बाद दंपति ने जमीन बेचकर कर रुपयों का बंदोबस्त किया। दंपति के मुताबिक मई महीने में डॉक्टर एपी सिंह को 55 हजार रुपये इम्प्लांट के नाम पर दिए। बाद में पता चला कि जो इम्प्लांट पैर में लगाया गया है उसकी बाजार में कीमत 10 से 12 हजार तक की है। जिसके बाद दंपति ने इम्प्लांट की रसीद मांगी जिसे देने में डॉक्टर आनाकानी करने लगे। इसके बाद पीड़ित दंपति अपनी रकम वापसी के लिए लगातार उच्चाधिकारियों के पास जाकर गुहार लगा रहे हैं। पीड़ित दंपति ने बताया कि रकम वापसी के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक समेत बड़े अफसरों तक गुहार लगायी। जब कोई सुनवाई नहीं हुई तब थक हार कर गांधी प्रतिमा स्थल पर धरना दिया था।
इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने अब अपनी जांच रिपोर्ट में डॉक्टर को क्लीन चिट दे चुकी है। पीडि़त का कहना है कि जांच के लिए हमें नहीं बुलाया गया। वहीं बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट में डॉक्टर को क्लीन चिट दे दी गई है। हमारे पास सभी की विडियोग्राफी मौजूद है। हालांकि निदेशक ने कुछ दिनों पहले पीड़ित दम्पत्ति को गांव वापस भेजने की बात कही थी। लेकिन शुक्रवार को दोनों अस्पताल में ही स्थित न्यू बिल्डिंग के सामने रैन बसेरे के बाहर दिखे।

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